Sunday, October 19, 2025

तू मुझको पहचान गई तो

 तू मुझको पहचान गई तो 

इसमें तेरी शान गई तो 


ये जो अपने बीच है अब तक 

सारी दुनिया जान गई तो 


चाहे सारी दौलत ले लो 

मर जाऊँगा जुबान गई तो 


रूठने का शोक है तुझको 

इसमें मेरी जान गई तो 


रूठोगी तो मनाऊँगा नहीं  

डर लगता है मान गई तो 

© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"

कुछ नहीं बदला

नजरिया, वक्त, हालात, दौर, कुछ नहीं बदला  तेरी ज़रूरत बदल गई और कुछ नहीं बदला  परिवर्तन प्रकृति का नियम है, झूठ कहते हैं  वो आज भी है दिलों क...