Tuesday, September 23, 2025

मेरा हर एक गीत प्रिये तब तुमको लगता प्यारा था ।

तब हर रोज़ तुम्हारे लब पे बस एक नाम हमारा था 

मेरा हर एक गीत प्रिये तब तुमको लगता प्यारा था ।


तेरी जुल्फें उड़ती उड़ती मुझसे बातें करती थी 

तेरी दोनों आँख का काजल मेरी आँख का तारा था ।


अब तुम जिसके दिलबर हो क्या उसके होकर भी बोलो

याद कभी वो आता है जो तुमको जान से प्यारा था ।


ख़ाली हाथ लोटता कैसे सो आज तलक नहीं लोटा 

वो पगला जो तेरी खातिर तोड़ने निकला तारा था ।


ख़त और फूल तो छोड़ो मैंने फेंका नहीं आज तलक  

"मौन" वो राह का पत्थर जिसको तुमने ठोकर मारा था |

© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"


Monday, September 15, 2025

यक़ीन मानों तुम्हें मेरी ज़रूरत है

यक़ीन मानों तुम्हें मेरी ज़रूरत है।


तुम्हें मेरी ज़रूरत है 

हर उस चीज़ को बंद करने के लिए 

जिसे तुम खुला छोड़ देती हो उपयोग के बाद 

चाहे वो कोई ड्रॉवर हो, कोई अलमीरा, कोई डब्बा या दरवाजा 

या तुम्हारी आँसू बहाती आँखें और प्यार लुटाता दिल 

सब खुले ही रहेंगे मेरे बाद 

यक़ीन मानों तुम्हें मेरी ज़रूरत है।


तुम्हें मेरी ज़रूरत है 

हर उस गलती के लिए दोषी ठहराने को 

जो तुमसे हो जाती है जाने अनजाने में 

और तुम मानना नहीं चाहती आदतन 

जबकि मन में सब जानती हो।

मैं नहीं होऊँगा तो कौन दोषी होगा इन ग़लतियों का।

यक़ीन मानों तुम्हें मेरी ज़रूरत है।


तुम्हें मेरी ज़रूरत है 

तुम्हारे सारे आईडी और पासवर्ड याद रखने के लिए,

जो अक्सर भूल जाती हो तुम।

तुम्हारे एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड का पिन हो 

या नेट बैंकिंग का  प्रोफाइल पासवर्ड  

मैं नहीं रहा तो कौन याद दिलायेगा तुम्हें।

यक़ीन मानों तुम्हें मेरी ज़रूरत है।


तुम्हें मेरी ज़रूरत है 

तुम्हारी हर चॉइस और डिसिज़न को वैलिडेट करने के लिए 

जो तुम पहले से डिसाइड कर चुकी होती हो 

पर जबरन मुझसे हाँ करवाती हो की यही सही है 

ताकि जब वो ग़लत हो तो मुझे कह सको 

की तुम्हारी तो चॉइस ही ख़राब है 

किसको कहोगी ये सब मैं नहीं हुआ तो।

यक़ीन मानों तुम्हें मेरी ज़रूरत है।


तुम्हें मेरी ज़रूरत है 

जब जब तुम रूठोगी तुम्हें मनाने के लिए 

तुम्हारे नाज़ उठाने के लिए 

तुम्हारी कमर को बल खाने से बचाने कि लिए 

तुम्हारा गुस्सा और चिड़चिड़ाहट 

कोन झेलेगा गर मैं ना रहूँगा तुम्हारे पास 

यक़ीन मानों तुम्हें मेरी ज़रूरत है।

© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"

तू मुझको पहचान गई तो

  तू मुझको पहचान गई तो  इसमें तेरी शान गई तो  ये जो अपने बीच है अब तक  सारी दुनिया जान गई तो  चाहे सारी दौलत ले लो  मर जाऊँगा जुबान गई तो  र...