वक्त-ए-रुख़सत ख़ुश हुआ वो, दुःख हुआ मुझे ।
उसकी ख़ुशी देखकर कुछ और दुःख हुआ मुझे ।
बिछड़ते वक्त दुआ दी थी की ख़ुश रहना उसके साथ
जब सुना वो सच में ख़ुश हैं तो दुःख हुआ मुझे ।
मैं दुःखी हूँ ये जानकर की ख़ुश नहीं है वो
वो ख़ुश हैं ये जानकर की दुःख हुआ मुझे ।
दुश्मनी गहरी थी पर उसको बर्बाद करके फिर
उसके बच्चों की तरफ़ जो देखा तो दुःख हुआ मुझे ।
© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"
No comments:
Post a Comment