Saturday, July 26, 2025

दुःख हुआ मुझे ।

वक्त-ए-रुख़सत ख़ुश हुआ वो, दुःख हुआ मुझे ।

उसकी ख़ुशी देखकर कुछ और दुःख हुआ मुझे । 


मैंने उसको दुआ दी थी, ख़ुश रहना उसके साथ

जब सुना वो सच में ख़ुश हैं तो दुःख हुआ मुझे ।


दुश्मनी गहरी थी पर उसको बर्बाद करके फिर 

उसके बच्चों की तरफ़ देखा तो दुःख हुआ मुझे । 


मैं दुःखी हूँ ये जानकर की ख़ुश नहीं है वो 

वो ख़ुश हैं ये जानकर की दुःख हुआ मुझे ।

© लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"

कमाल करती हो

निगाहें फेर लेती हो तुम कमाल करती हो  जब तुम मेरे होंठों के आगे गाल करती हो । एक नजर देख लो  जिसको मुड़ कर तुम  बेइंतहा ग़रीब को भी मालामाल ...