Saturday, May 7, 2022

मातृ दिवस की शुभकामनाएं।

गुस्सा, फ़िक्र और आंसू लिए देहलीज पे हाजिर देखा,
मैं जब भी घर देर से लोटा, 'माँ' को  मुन्तज़िर देखा |
                   
                                         
-लोकेश ब्रह्मभट्ट "मौन"
मुंतज़िर:  प्रतीक्षारत 

दिसम्बर

तुझसे जुदाई, तेरी याद और दिसम्बर  एक तो इतने बुरे हालात और दिसम्बर  याद बहुत आते है वो साथ बिताए पल तेरे इश्क़ में डूबी रात और दिसम्बर  ये इ...